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आत्महत्या नहीं है अवसाद व समस्याओं का हल, जीवन शैली में बदलाव करने से मिलेगा हल

आत्महत्या नहीं है अवसाद व समस्याओं का हल, जीवन शैली में बदलाव करने से मिलेगा हल

हाल के दिनों में कोविड-19 के कारण उपजी भयावह परिस्थितियों जैसे बेरोजगारी गरीबी अकेलापन घरों से बेघर होना आदि समस्याओं ने खुदकुशी की प्रवृत्तियों में इजाफा किया है। एनसीआरबी द्वारा जारी की गई रिपोर्ट में बेहद चिंताजनक आंकड़े सामने आए हैं। यह दुनिया में होने वाली मौतों का दसवां सबसे बड़ा कारण है हमारे देश में ही हर साल एक लाख से अधिक लोग आत्महत्या करते हैं। छात्रों द्वारा किसानों द्वारा प्रसिद्ध सितारों व उच्च पदों पर बैठे अधिकारियों द्वारा की गई आत्महत्या की खबरें हमें इस विषय पर सोचने को मजबूर कर देती हैं। आजकल की बढ़ती चकाचौंध की दुनिया हमें अकेलेपन का शिकार बना रही है।

यही अकेलापन धीरे-धीरे अवसाद में तब्दील होकर आत्महत्या जैसे दुष्परिणाम ला रहा है। आत्महत्या के कई कारण हो सकते हैं जैसे तनावपूर्ण जीवनशैली मानसिक रुझान में बदलाव ढूंढना रोग घरेलू समस्याएं आदि। हमारे देश में मानसिक स्वास्थ्य के प्रति लोगों में जागरूकता की कमी है व सरकार का भी इस ओर कोई रुझान नहीं है। कई बार कुछ सामाजिक कारणों से भी व्यक्ति ऐसा कदम उठाता है जैसे क्लास में प्रथम ना आना, किसी प्रतिष्ठित पद की परीक्षा को पास न कर पाना, नौकरी ना मिल पाना आदि इस समस्या से निपटने के लिए हमें इसके मूल कारण जानकर उनका समाधान ढूंढना चाहिए।

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हमें शारीरिक व मानसिक स्तर पर कुछ आदतों व जीवनशैली में बदलाव करने की भी आवश्यकता है, जैसे-व्यायाम ध्यान योग खेलकूद आदि करना पौष्टिक आहार लेना समय पर सोना व उठना। नशीले पदार्थों के सेवन से बचना हमेशा सकारात्मक रहना सोशल मीडिया का उपयोग एक सीमा तक करना आदि। टेक्नोलॉजी की इस दुनिया में हम अपने परिवार, दोस्तों व प्रकृति सभी से दूर होते जा रहे हैं। हमें समय निकालकर इनके साथ वक्त बिताना रुझान में बदलाव ढूंढना चाहिए अपनी बातों व परेशानियों को साझा करना चाहिए। जरूरत पड़ने पर हमें मनोचिकित्सक की सलाह लेने से भी संकोच नहीं करना चाहिए तभी इस समस्या का समाधान किया जा सकता है।

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(लेखिका मनोविज्ञान एवं सामाजिक सरोकारों पर स्‍वतंत्र लेखन करती हैं)

Omicron in India: ओमिक्रॉन पर राहत भरी खबर, वैज्ञानिकों ने ढूंढ निकाला कोरोना वायरस के नए रूप का तोड़

देश में ओमिक्रॉन संक्रमण तेजी से फैल रहा है और अभी तक 804 ओमिक्रॉन वैरिएंट के मरीज भारत में मिल चुके हैं. दुनियाभर के साइंटिस्ट इस वैरिएंट के लिए एंटीबॉडी की खोज कर रहे हैं. हाल ही में एक स्टडी हुई है जिसमें दावा किया गया है कि ओमिक्रॉन के खिलाफ एंटीबॉडीज का पता लगा लिया है.

(Image Credit : pexels)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 29 दिसंबर 2021,
  • (अपडेटेड 29 दिसंबर 2021, 8:28 PM IST)
  • भारत में ओमिक्रॉन के 804 केस हैं
  • साइंटिस्ट ओमिक्रॉन के खिलाफ एंटीबॉडीज की खोज में लगे हैं
  • दुनिया के 90 से अधिक देशों में फैला ओमिक्रॉन

दुनिया भर में कोरोना वायरस के डेल्टा और डेल्टा प्लस वैरिएंट के बाद ओमिक्रॉन वैरिएंट (Omicron Variant) ने तबाही मचानी शुरू कर दी है. दक्षिण अफ्रीका के बाद यह नया वैरिएंट 90 से अधिक देशों में फैल चुका है. भारत में भी इसके मामले तेजी से बढ़ रहे हैं. यहां तक कि कई एक्सपर्ट ओमिक्रॉन की वजह से देश में कोरोना महामारी की तीसरी लहर आने की आशंका जाहिर कर रहे हैं. ओमिक्रॉन को लेकर आशंकाओं और डर के माहौल के बीच वैज्ञानिकों ने एक राहत भरी खबर दी है.

वैज्ञानिकों की एक अंतरराष्ट्रीय टीम ने उन एंटीबॉडी की पहचान की है, जो ओमिक्रॉन और कोरोनावायरस के अन्य वैरिएंट को बेअसर करने में सक्षम हैं. ये एंटीबॉडीज वायरस के उन हिस्सों को निशाना बनाती हैं जिनमें म्यूटेशन (जीन में बदलाव) के दौरान भी कोई बदलाव नहीं होता है.

नेचर जर्नल में पब्लिश हुई इस स्टडी से वैक्सीन (Vaccine) और एंटीबॉडी (Antibodies) के इलाज को डेवलप करने में मदद मिल सकती है, जो न केवल ओमिक्रॉन बल्कि भविष्य में कोरोनावायरस के अन्य वैरिएंट के खिलाफ भी प्रभावी रहेंगे. यानी अब अगर ओमिक्रॉन के बाद किसी और वैरिएंट का भी खतरा आता है तो इन एंटीबॉडीज के जरिए उनसे भी निपटा जा सकेगा.

बार-बार फैलने से रोका जा सकता है

'यूनिवर्सिटी ऑफ वॉशिंगटन स्कूल ऑफ मेडिसिन' में एसोसिएट प्रोफेसर डेविड वेस्लर (David Veesler) ने कहा, "यह रिसर्च हमें बताती है कि कोरोना वायरस के स्पाइक प्रोटीन के सबसे सुरक्षित हिस्से को टारगेट करने वाली एंटीबॉडी पर ध्यान देकर उसकी लगातार खुद को नए रूप में ढालने की क्षमता से लड़ सकते हैं."

ओमिक्रॉन वेरिएंट के स्पाइक प्रोटीन में म्यूटेशन की संख्या 37 है. स्पाइक प्रोटीन, वायरस का वो नुकीला हिस्सा होता है जिसके जरिए वह मानव कोशिकाओं में प्रवेश करता है और उनसे जुड़कर संक्रमण फैलाता है.

कोरोना वायरस के ओमिक्रॉन वैरिएंट में हुए इन बदलावों से समझा जा सकता है कि आखिर क्यों ये वैक्सीन लगावाने वाले और पहले से संक्रमित हो चुके लोगों को दोबारा संक्रमित करने में सक्षम है.

वेस्लर ने कहा, "हम जिन सवालों के जवाब देने की कोशिश कर रहे थे, वे थे कि ओमिक्रॉन वैरिएंट में स्पाइक प्रोटीन में म्यूटेशन ने कोशिकाओं से जुड़ने और इम्यूनिटी की एंटीबॉडी से बचने की क्षमता को कैसे प्रभावित किया है."

स्यूडोवायरस का उपयोग किया

इन म्यूटेशन के प्रभाव का आकलन करने के लिए रिसर्चर्स ने स्यूडोवायरस (Pseudovirus) बनाया जिसमें ओमिक्रॉन जैसे स्पाइक प्रोटीन थे. दूसरी तरफ, कोविड महामारी की शुरुआती दौर की संरचना वाला स्यूडोवायरस बनाया. शोधकर्ताओं ने वायरस के अलग-अलग रूपों की तुलना की और पाया कि महामारी की शुरुआती दौर के वायरस में पाए जाने वाले स्पाइक प्रोटीन रुझान में बदलाव ढूंढना की तुलना में ओमिक्रॉन वैरिएंट स्पाइक प्रोटीन 2.4 गुना बेहतर ढंग से खुद को मानव कोशिकाओं से बांधने में सक्षम था.

तीसरी बूस्टर डोज जरूरी

टीम ने अलग-अलग वैरिएंट पर एंटीबॉडी के प्रभाव की भी जांच की. शोधकर्ताओं ने पाया कि उन लोगों की एंटीबॉडी जो पहले के वैरिएंट से संक्रमित थे और जिन्होंने अभी सबसे अधिक उपयोग की जा रही 6 वैक्सीन में से कोई वैक्सीन लगवाई थी, सभी में संक्रमण को रोकने की क्षमता कम हो गई थी.

वेस्लर ने कहा, जो लोग संक्रमित हो गए थे, ठीक हो गए थे और फिर वैक्सीन की दोनों खुराक ले चुके थे, उनकी एंटीबॉडी ने भी एक्टिविटी को कम दिया था, लगभग 5 गुना कम. वहीं किडनी डायलिसिस वाले मरीजों का ग्रुप, जिन्हें मॉडर्न और फाइजर द्वारा बनाई हुई वैक्सीन की खुराक के साथ बूस्टर मिला था, उनमें एंटीबॉडी की एक्टिविटी में केवल 4 गुना कमी दिखी थी. इससे पता चलता है कि एक तीसरी खुराक वास्तव में ओमिक्रॉन के खिलाफ मददगार है.

वेस्लर ने कहा कि एंटीबॉडीज, वायरस के कई अलग-अलग वैरिएंट में संरक्षित क्षेत्रों की पहचान करके उन्हें बेअसर करने में सक्षम हैं. जिससे पता चलता है कि इन हिस्सों को टारगेट करने वाली वैक्सीन और एंटीबॉडी ट्रीटमेंट नए वैरिएंट के खिलाफ प्रभावी हो सकते हैं.

भारत में ओमिक्रॉन की स्थिति

देश में ओमिक्रॉन संक्रमण तेजी से फैल रहा है और अभी तक 804 ओमिक्रॉन वैरिएंट के मरीज भारत में मिल चुके हैं. जिनमें से दिल्ली में ही कुल 238 केस हैं. इसके बाद महाराष्ट्र में 167 मामले हैं. वहीं कुल संक्रमितों की बात की जाए तो भारत में अभी 77,002 एक्टिव केस हैं.

Viral News: संतरों के बीच रखा है तरबूज मगर ढूंढना है काफी मुश्किल, 20 सेकेंड में खोजकर दिखाएं तो मानें

Viral: जी हाँ दोस्तों स्वागत है आप सबका आपके एक नए पोस्ट में जैसा की आप सबको पता है Viral News: संतरों के बीच रखा है तरबूज मगर ढूंढना है काफी मुश्किल, 20 सेकेंड में खोजकर दिखाएं तो मानें मजिक इंसान का एक पहलु है लोग अपने दिमाग को तेज तर्रार बनाने के लिए तरह-तरह के उपाय करते रहते हैं. बहुत से लोग पहलियों को सुलझाना पसंद भी करते हैं जो काफी टफ हो जाता है. इस कड़ी में ऑप्टिकल इल्यूजन से जुड़ी तस्वीरों को खूब पसंद किया जाता रहा है.Viral News

अब फिर से ऐसी ही एक तस्वीर सामने आई है जिसे देखने के बाद हर किसी का दिमाग चकरा जाता है. फोटो में आपको हजारों की संख्या में संतरे दिखाई दे रहे होंगे मगर उन्हीं में कहीं एक कटा हुआ तरबूज भी रख दिया गया है. बस आपको उसी को ढूंढकर निकालना है और इसके लिए आपको 20 सेकेंड का समय दिया जाता है.Viral News

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संतरों में छिपा है एक तरबूज- Orange Hide In Watermelon

आपको बता दे की ऑप्टिकल इल्यूजन से जुड़ी इस तस्वीर को आप गौर से देखेंगे कि तो हर जगह आपको संतरे का फल दिखाई दे रहे होता है. मगर जब आप ध्यान से देखेंगे तो इन्हीं संतरों के बीच एक तरबूज का टुकड़ा भी रखा दिया गया है मगर उसे ढूंढना हर बार की तरह लोगों के लिए टेढ़ी खीर साबित हो रहा है.Viral News

अच्छा तो यहां रखा गया है तरबूज- Here Is Watermelon

तरबूज को ढूंढने की कोशिश तो हर कोई कर रहा है लेकिन कुछ लोगों को छोड़ दिया जाए तो ज्यादातर लोग इसमें फेल ही साबित हो रहे हैं. चलिए हम आपको इसे खोजने में थोड़ी हिंट भी दे देते हैं. आप तस्वीर के निचले हिस्से पर नजर दौड़ाइए आपको बाईं तरफ एक कटा हुआ तरबूज का टुकड़ा जरूर दिख जाएगा. हम सर्कल की सहायता से भी इसे खोजकर दिखा देंगे. Viral News

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RRB NTPC Revised Vacancy: रुझान में बदलाव ढूंढना आरआरबी एनटीपीसी की वैकेंसी में हुआ बदलाव, देखिए भर्ती का ताजा नोटिस

RRB-NTPC-Revised-Vacancy-2022

RRB NTPC Revised Vacancy 2022

RRB NTPC Vacancy 2022 Revised: रेलवे भर्ती बोर्ड ने आरआरबी एनटीपीसी भर्ती अभियान के लिए रिक्तियों (वैकेंसी) को संशोधित किया है। सभी राज्यों के लिए मौजूदा प्रावधानों के अनुसार भूतपूर्व सैनिकों की रिक्तियों को कुल रिक्तियों के 10 प्रतिशत तक संशोधित किया गया है। उम्मीदवार संशोधित रिक्तियों की आधिकारिक सूचना आरआरबी इलाहाबाद की आधिकारिक साइट rrbald.gov.in पर देख सकते हैं।

इस बीच, बोर्ड 15 जनवरी, 2021 को एनटीपीसी परिणाम जारी करेगा। जो उम्मीदवार परीक्षा के लिए उपस्थित हुए हैं, वे क्षेत्रीय आरआरबी की आधिकारिक साइट के माध्यम से परिणाम की जांच कर सकते हैं। सीबीटी 1 परीक्षा 28 दिसंबर, 2020 से 31 जुलाई, 2021 तक आयोजित रुझान में बदलाव ढूंढना की गई थी।

नीचे क्लिक कर देखें आरआरबी का ताजा नोटिस। RRB NTPC Revised Vacancy

सीबीटी-1 परीक्षा उत्तीर्ण करने वाले उम्मीदवार सीबीटी-2 परीक्षा में बैठने के पात्र होंगे। सीबीटी-1 में शॉर्टलिस्ट होने वाले उम्मीदवारों के लिए दूसरे चरण की कंप्यूटर आधारित टेस्ट (सीबीटी -2) परीक्षा 14-18 फरवरी, 2022 तक आयोजित होने वाली है। अधिक संबंधित विवरण के लिए उम्मीदवार आरआरबी की आधिकारिक साइट देख सकते हैं।

साथ ही लेवल-5 में गुड गार्ड (कैट नंबर 3) का पद पीडब्ल्यूबीडी उम्मीदवारों के लिए उपयुक्त नहीं है। आरआरबी / जम्मू-कश्मीर के लिए अधिसूचित एलडी पद शून्य हो गए हैं।

IMPORTANT DATE : RRB NTPC Revised Vacancy

Exam Date 28 Dec 2020 to 8 April 2021
Result Declared 15/01/2022
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रेलवे भर्ती बोर्ड के विभिन्न क्षेत्र हैं और प्रत्येक क्षेत्र की एक अलग आधिकारिक वेबसाइट है। एनटीपीसी परिणाम प्रत्येक क्षेत्र के आधिकारिक पोर्टल पर जारी किया जाएगा। आकांक्षी को उस क्षेत्र की आधिकारिक वेबसाइट पता होनी चाहिए जिसके लिए उन्होंने आवेदन किया था। हमने आपको प्रत्येक क्षेत्र के लिए आधिकारिक पोर्टलों की सूची प्रदान की है।

RRB NTPC Revised Vacancy

Zone Official Website
Ahemdabad rrbahmedabad.gov.in
Ajmer rrbajmer.gov.in
Allahabad rrbald.gov.in
Bangalore rrbbnc.gov.in
Bhopal rrbbpl.nic.in
Bhubaneswar rrbbbs.gov.in
Bilaspur rrbbilaspur.gov.in
Chandigarh rrbcdg.gov.in
Chennai rrbchennai.gov.in
Gorakhpur rrbgkp.gov.in
Guwahati rrbguwahati.gov.रुझान में बदलाव ढूंढना in
Jammu-Srinagar rrbjammu.nic.in
Kolkata rrbkolkata.gov.in
Malda rrbmalda.gov.in
Mumbai rrbmumbai.gov.in
Muzzafarpur rrbmuzaffarpur.gov.in
Patna rrbpatna.gov.in
Ranchi rrbranchi.gov.in
Secunderabad rrbsecunderabad.nic.in
Siliguri rrbsiliguri.org
Trivandrum rrbthiruvananthapuram.gov.in
HOW TO CHECK RESULT : RRB NTPC CBT 1 Result, RRB NTPC Revised Vacancy
  • जोनों के लिए सभी आरआरबी एनटीपीसी आधिकारिक वेबसाइट ऊपर उल्लिखित हैं, सबसे पहले, उम्मीदवार को उस क्षेत्र की आरआरबी आधिकारिक वेबसाइट खोलनी होगी जिसके लिए उन्होंने आवेदन किया था।
  • एक आरआरबी एनटीपीसी आधिकारिक वेबसाइट होम पेज दिखाई देगा जहां उम्मीदवार को “नवीनतम अधिसूचना” अनुभाग के तहत आरआरबी एनटीपीसी परिणाम 2021 सीबीटी 1 की जांच के लिए लिंक ढूंढना होगा।
  • फिर आरआरबी एनटीपीसी रुझान में बदलाव ढूंढना परिणाम 2021 के लिंक पर क्लिक करें।
  • व्यक्ति को एक नए पृष्ठ पर भेज दिया जाएगा, जहां उन्हें मांगी गई जानकारी भरनी होगी और फिर “लॉग इन” विकल्प पर क्लिक करना होगा।
  • पंजीकरण संख्या और पासवर्ड टाइप करें और “परिणाम दिखाएं” बटन का चयन करें।
  • अब, उम्मीदवार की स्क्रीन पर आरआरबी एनटीपीसी परिणाम 2021 सीबीटी 1 दिखाया जाएगा। उन्हें सलाह दी जाती है कि वे भविष्य की आवश्यकताओं के लिए अपने परिणाम का प्रिंटआउट ले लें।
सूचना :- उम्मीदवारों को आवेदन करने से पहले आधिकारिक अधिसूचना अवश्य पढ़नी चाहिए।
IMPORTANT LINK
रुझान में बदलाव ढूंढना
RRB NTPC CBT 1 Result Check Here – 15 Jan 2022
RRB NTPC Vacancy Position Revised Notice Click Here
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“इस पोस्ट में दी गई सभी जानकारी सही है लेकिन अगर कोई त्रुटि हुई है तो उसके लिए हम जिम्मेदार नहीं होंगे। इस पोस्ट के बारे में सभी विवरणों को सत्यापित करने के लिए, कृपया आधिकारिक अधिसूचना को अवशय पढ़े , सम्बंधित विभाग की ऑफिसियल वेबसाइट का लिंक इम्पोर्टेन्ट लिंक के अनुभाग में दिया गया है।”

” सभी उम्मीदवार कृपया अपनी टिप्पणी कमेंट बॉक्स में दें। यदि उम्मीदवारों के पास कोई प्रश्न है, तो कृपया हमसे पुछे,अधिक जानकारी के लिए हमारी वेबसाइट के संपर्क में रहें। “

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