(लेखक Edelweiss Wealth Management में पर्सनल वेल्‍थ के प्रेसिडेंट एवं हेड हैं। प्रकाशित विचार उनके निजी हैं।)

Dr.T. Srinivasulu | Lybrate.com

Financial Planning से पहले समझ लें पर्सनल फाइनेंस का पिरामिड, होगा फायदा ही फायदा

Personal Finance Pyramid Financial Planning की शुरुआत को लेकर 60 सेकंड की रणनीति वास्तव में क्या है ज्‍यादातर लोग उलझन में होते हैं कि उन्‍हें आरंभ कहां से करना चाहिए। एसी परिस्थिति में पर्सनल फाइनेंस पिरामिड आपका मददगार होता है जो प्रायरिटी तय करने में हेल्‍प करता है।

नई दिल्‍ली, राहुल जैन। पर्सनल फाइनेंस को लेकर हम सभी को ये मालूम है कि हमें बचत करनी चाहिए, इंश्योरेंस प्रोडक्ट्स खरीदना चाहिए, टैक्स बचाना चाहिए और निवेश करना चाहिए। हालांकि, अधिकतर लोग इस बात से अनजान है कि शुरुआत कहां से करनी है। प्राथमिकताएं तय करने से लक्ष्यों को हासिल करने में काफी अधिक मदद मिलती है। यहां पर आपको पर्सनल फाइनेंस पिरामिड (Personal Finance Pyramid) से मदद मिल सकती है। आइए, जानते हैं कि ये क्या है और इसके प्रमुख कॉम्पोनेंट्स कौन-कौन से हैं? आइए पता लगाते हैं।

पर्सनल फाइनेंस पिरामिड क्या है?

वास्तव में पर्सनल फाइनेंस पिरामिड महत्ता के आधार पर फाइनेंस को बेहतर तरीके से मैनेज करने का एक अप्रोच है। बिल्कुल नीचे से 60 सेकंड की रणनीति वास्तव में क्या है शुरुआत करते हुए ऊपर की ओर बढ़ना इसका सबसे बुनियादी नियम है। इसके साथ-ही-साथ सभी पहलुओं को एक साथ एड्रेस करने की कोशिश नहीं करनी चाहिए।

जीवन में कब क्या हो जाएगा, इसका अंदाजा नहीं लगाया जा सकता है। कोई भी आपदा किसी भी पल आ सकती है। वित्तीय तौर पर समझदारी इसी बात में है कि आप बुरे वक्त के लिए तैयार हों। इस तरह प्रोटेक्शन यानी सुरक्षा पिरामिड में सबसे पहले आता है। लाइफ इंश्योरेंस और हेल्थ इंश्योरेंस किसी भी तरह की दुर्घटना की स्थिति में जरूरी फाइनेंशियल बैकअप उपलब्ध कराते हैं। जहां जीवन बीमा से आपको इस बात का सुकून मिल जाता है कि आपके नहीं रहने पर आपके प्रियजन लड़खड़ाएंगे नहीं। वहीं, हेल्थ इंश्योरेंस से हॉस्पिटलाइजेशन की स्थिति में आपकी जेब से कोई खर्च नहीं होता है।

भविष्य के लक्ष्यों और इमरजेंसी के लिए बचत

इमरजेंसी की स्थिति कभी भी पैदा हो सकती है और यह मजबूत फाइनेंशियल प्लान को भी पटरी से उतार सकती है। भविष्य के लक्ष्यों और इमरजेंसी के लिए बचत करना इस पिरामिड में दूसरे स्थान पर आता है। कोविड ने मुश्किल समय के लिए बचत की अहमियमत को जाहिर कर दिया है और आदर्श तौर पर आपके पास कम-से-कम एक साल का इमरजेंसी फंड होना चाहिए। सेविंग अकाउंट से थोड़ा ज्यादा रिटर्न देने वाले लिक्विड फंड्स में अनुशासित और सतत तरीके से निवेश के जरिए ये फंड तैयार किए जा सकते हैं।

पर्याप्त इमरजेंसी फंड तैयार 60 सेकंड की रणनीति वास्तव में क्या है करने के बाद भी आपको रूकना नहीं चाहिए। इनकम बढ़ने के साथ हर महीने बचत बढ़ा दीजिए। इमरजेंसी फंड बनाते समय एसएलआर (सेफ्टी, लिक्विडिटी और रिटर्न) सिद्धांत को फॉलो करना चाहिए। ऐसे इंस्ट्रूमेंट्स में निवेश कीजिए, जिसमें जरूरत पड़ने पर आपको आसानी से पैसे मिल जाएं।धन के सृजन के लिए निवेश

जहां अनुशासित तरीके से बचत एक मजबूत वित्तीय रणनीति की रीढ़ होती है, वहीं महंगाई दर के चलते यह वित्तीय लक्ष्यों को हासिल करने में कारगर नहीं भी सिद्ध हो सकता है। इसलिए संपत्ति में इजाफा करने के लिए आपको सिस्टेमैटिक तरीके से अपनी बचत की गई रकम को इंवेस्ट करने की जरूरत होती है। यहां आपका निवेश इस तरीके से होना चाहिए कि वह आपके लक्ष्यों एवं जोखिम लेने की क्षमता को पूरा करता हो। इसके साथ ही आपके द्वारा किए जाना वाला निवेश ऐसे फंड में होना चाहिए जिसमें महंगाई दर को पीछे छोड़ने का दम हो।

इक्विटी में इंवेस्टमेंट से यहां पर मदद मिलती है क्योंकि इक्विटी में लंबी अवधि में महंगाई दर सूचकांक से ज्यादा रिटर्न देने की क्षमता होती है। इस पर गौर कीजिए। यहां तक कि 10 फीसदी सालाना रिटर्न देने वाले इक्विटी म्यूचुअल फंड में हर महीने 5,000 रुपये के निवेश से आप 20 साल में 37 लाख रुपये का फंड तैयार कर सकते हैं।

UP PCS प्रारंभिक परीक्षा में कैसे पाएं सफलता : जानें तैयारी रणनीति

  • क्या हार में क्या जीत में किंचित नहीं भयभीत
  • 60 सेकंड की रणनीति वास्तव में क्या है
  • मैं संघर्ष पथ पर चलते चलते जो भी मिले
  • यह भी सही वह भी सही किंतु वरदान
  • मांगूंगा नहीं हो कुछ भी पर हार मानूंगा नहीं

एक प्रतियोगी के लिए एक प्रतियोगी किसी जंग से कम नहीं होते है लेकिन जो सफल होना चाहते हैं उसके लिए आवश्यक है कि वह बदली हुई परिस्थितियों में खुद को बदलने और उसी हिसाब से सही रणनीति बनाकर उसका सफल क्रियान्वयन भी कर ले सही रणनीति बनाएं कि कामयाब हो जाए

पिछले आलेख में आपको बताया था कि यूपीपीसीएस 2019 में जिन 300 सीटों के लिए आवेदन मांगे गए हैं तथा केवल 13 गुना अभ्यर्थियों को मुख्य परीक्षा के लिए चुना जाएगा उसको दृष्टिगत रखते हुए प्री परीक्षा उत्तीर्ण करने के लिए आपको कम से कम 105 प्रश्न से लेकर 110 प्रशन सही करने का टारगेट लेकर चलना होगा अब प्रश्न उठता है कि 110 प्रशन सही करना कैसे संभव है सर्वप्रथम 60 सेकंड की रणनीति वास्तव में क्या है इतिहास विषय को ले इतिहास में लगभग 25 से लेकर 30 तक प्रश्न आते हैं जिनमें से 65 से 75% प्रश्न आधुनिक भारत के होते हैं अर्थात 15 में से लेकर 20 प्रश्न तक कोशिश करें कि आधुनिक भारत में से आपका कोई प्रश्न गलत ना हो प्राचीन भारत और मध्यकालीन भारत में जितने महत्वपूर्ण टॉपिक है उन्हें जरूर तैयार कर लें इतिहास में किसी स्टैंडर्ड बुक के साथ-साथ घटनाक्रम जरूर कर लें ताकि विगत वर्षो में पूछे गए कोई प्रश्न यदि पेपर में आए तो गलत ना हो भूगोल में भी 20- 25 प्रश्न आते हैं। how crack uppsc exam

रिग्रेशन टेस्ट तकनीकें

सॉफ़्टवेयर रखरखाव का तात्पर्य सॉफ़्टवेयर की मौजूदा सुविधाओं में सुधार, त्रुटि सुधार, अनुकूलन और हटाने से है। इन परिवर्तनों के कारण सॉफ़्टवेयर अनजाने में और किसी का ध्यान नहीं जा सकता है अब सही ढंग से काम नहीं करता. इसे निर्धारित करने के लिए, प्रतिगमन परीक्षण आवश्यक है। हम निम्नलिखित तकनीकों का उपयोग करके प्रतिगमन परीक्षण कर सकते हैं:

1. सब कुछ फिर से

  • यह प्रतिगमन परीक्षण विधियों में से एक है जहां हमें मौजूदा परीक्षण सेट में सभी परीक्षण मामलों को फिर से चलाना है। यह बहुत महंगा है क्योंकि इसमें बहुत समय और संसाधन लगते हैं। यदि कोई परियोजना है, तो शायद समय और धन का बजट भी नहीं है।

2. प्रतिगमन परीक्षण चयन

  • पूरे परीक्षण सेट को फिर से चलाने के बजाय, परीक्षण सेट के उस हिस्से का चयन करना बेहतर है जिसे हमें चलाने की आवश्यकता है।
  • चयनित परीक्षण मामलों को पुन: प्रयोज्य परीक्षण मामलों या अप्रचलित परीक्षण मामलों के रूप में वर्गीकृत किया जा सकता है।
  • हम क्रमिक प्रतिगमन चक्रों में पुन: प्रयोज्य परीक्षण मामलों का भी उपयोग कर सकते हैं।
  • हम लगातार चक्रों में पुराने परीक्षण मामलों का उपयोग नहीं कर सकते।

प्रतिगमन परीक्षण के लिए परीक्षण मामलों का चयन

व्यवहार में, ऐसा प्रतीत होता है कि बड़ी संख्या में रिपोर्ट की गई सॉफ़्टवेयर त्रुटियाँ अंतिम समय में किए 60 सेकंड की रणनीति वास्तव में क्या है 60 सेकंड की रणनीति वास्तव में क्या है गए सुधारों के कारण हैं। ये सुधार अवांछित दुष्प्रभाव भी पैदा करते हैं। इसलिए, प्रतिगमन परीक्षण के लिए सही परीक्षण मामलों का चयन करना एक कला है और इतना आसान नहीं है। हालांकि, हम निम्नलिखित परीक्षण मामलों का चयन करके प्रभावी प्रतिगमन परीक्षण कर सकते हैं:

  • परीक्षण के मामले जो अक्सर अतीत में त्रुटियों का खुलासा करते थे।
  • कार्यक्षमता जो उपयोगकर्ताओं के लिए अधिक दृश्यमान है।
  • टेस्ट केस जो सॉफ़्टवेयर की सबसे महत्वपूर्ण विशेषताओं का प्रतिनिधित्व करते हैं।
  • कार्यक्षमता का परीक्षण केस जो अक्सर और हाल ही में समायोजित किया जाता है।
  • सब एकीकरण परीक्षण मामले.
  • सभी जटिल परीक्षण मामलों।
  • सीमा मूल्य परीक्षण मामले.
  • सफल परीक्षण मामलों का उदाहरण।
  • पिछले विफलताओं के लिए परीक्षण मामलों का उदाहरण।

रिग्रेशन परीक्षण और विन्यास प्रबंधन

प्रतिगमन परीक्षण के दौरान विन्यास प्रबंधन एक चुस्त वातावरण में आवश्यक है, जहां कोड लगातार बदल रहा है। इसलिए, प्रभावी प्रतिगमन परीक्षण सुनिश्चित करने के लिए, निम्नलिखित बातों को ध्यान में रखें:

  • कॉन्फ़िगरेशन प्रबंधन उपकरण का उपयोग करके प्रतिगमन के लिए परीक्षण किए गए कोड को प्रबंधित करें।
  • हमें प्रतिगमन परीक्षण के दौरान सॉफ़्टवेयर या सेटिंग्स में परिवर्तन करने से बचना चाहिए। इसके अलावा, प्रतिगमन परीक्षण कोड डेवलपर परिवर्तनों के प्रति प्रतिरक्षित होना चाहिए।
  • De डेटाबेस हम प्रतिगमन परीक्षणों के लिए उपयोग करते हैं, हमें अलग करने की आवश्यकता है। हमें डेटाबेस में बदलाव करने की अनुमति नहीं है।

5. खाने में फाइबर का मात्रा बढ़ाएं

तला भुना ,मसालेदार खाना सबके मन को भाता है। खासकर मैदे से बनी चीज़ें तो हमारे खानपान का हिस्सा बन चुकी हैं। पर वज़न घटाने के लिए इन चीजों से दूरी बनानी पड़ेगी। अपने आहार में मैदा हटाकर फाइबर युक्त चीज़ें शामिल करें। फाइबर न 60 सेकंड की रणनीति वास्तव में क्या है केवल कोलेस्ट्रॉल को कम करता है, बल्कि आंत को साफ रखता है और आपको लंबे समय तक तृप्त भी रखता है। जब कोई वजन कम करना चाहता है तो रेशेदार खाना खाना बहुत जरूरी है। अगर आप जल्दी वजन कम करना चाहते हैं तो अपने आहार में साइलियम भूसी, चिया बीज, फल और हरी सब्जियां शामिल करें।

भारतीय घरों में पराठा पूड़ी औऱ मसालेदार वाली चीज़ें अधिक खाई जाती हैं । ऐसी अधिकतर डिशों में तेल की एक परत ऊपर से ही तैरती हुई दिख जाती है। यही तेल आपके वज़न कम करने के सपने की राह में अड़चन है। आदर्श रूप से, आपके पास एक महीने में 900 ग्राम से अधिक तेल नहीं होना चाहिए। आप कितना तेल खा रहे हैं, इस पर नज़र रखें और इसका आपके वजन पर स्पष्ट प्रभाव पड़ेगा। कोशिश करें की सब्ज़ियों में तेल नाम मात्र ही डालें। औऱ पूड़ी पराठे के मोह को भी त्याग दें तभी आपकी फिट होने की कोशिश रंग ला सकेगी।

7. खाने को धीरे धीरे चबाएं

कई शोधों में इस बात का खुलासा हुआ है कि अगर हम अपना खाना धीरे धीरे देर तक चबाकर खाते हें तो में ही 60 सेकंड की रणनीति वास्तव में क्या है पेट भरा होने का एहसास होता है।जानकार मानते हैं कि आप अपने खाने के दौरान प्रत्येक निवाले का स्वाद लें और जानबूझकर इसे देर तक चबाते रहें ।खाना तभी निगलें जब खाना पूरी तरह से चबा लिया जाए ।दरअसल धीरे-धीरे भोजन करने से न केवल हम अपने भोजन का अधिक आनंद लेते हैं बल्कि हमें तृप्ति के बेहतर संकेत भी मिलते हैं।

वज़न घटाने की चाह में कई बार लोग खाना स्किप करने लगते हैं ।खुद को लम्बे समय तक भूखा रखकर कैलोरी नियंत्रित करने 60 सेकंड की रणनीति वास्तव में क्या है की कोशिश करते हैं।पर ये तरीका ठीक नहीं हैं। शरीर को काम करने के लिए ऊर्जा की आवश्यकता होती है। इसलिए अपनी भूख का सम्मान करें और अपने शरीर को यह सोचने की अनुमति न दें कि यह भूखा है। जानकार मानते हैं कि दिन में चार बार खाएं पर थोड़ा थोड़ा कर के खाएं। दिन भर में एक बार ज़रूरत से ज्यादा खाने से आपका मकसद हल नहीं होने वाला।

9. खाने के समय और पोर्शन को अनुशासित करें

दिनभर में आप जो कुछ भी खा रहे हैं उसका समय सुनिश्चित करें। साथ ही कोशिश करें की सुबह का नाश्ता भरपूर हो पर लंच उससे कुछ 60 सेकंड की रणनीति वास्तव में क्या है छोटा हो और डिनर में बहुत हल्का खाना लें। जो अपना वजन कम करना चाहते हैं और समग्र स्वास्थ्य में सुधार करना चाहते हैं वे इस नियम का पालन करेंगे तो उन्हें अच्छे परिणाम मिल सकते हैं। विशेषज्ञ मानते हैं कि शाम सात बजे के बाद कुछ नहीं खाना चाहिए।आप अपना डिनर 7 बजे तक कर लें औऱ फिर अगले सुबह अच्छा औप पौष्टिक नाश्ता लें। ऐशा करने से आपके शरीर को भोजन पचाने का पूरा समय मिल सकेगा औऱ आप करा वज़न नियंत्रित होगा।

कोई भी व्यक्ति हमेशा खाने को लेकर पूरी तरह अनुशासित नहीं रह सकता । कई बार शादी ,पार्टियों या किसी त्योहार के मौके पर हम तेल मसालों से भरपूर खाना खा ही लेते हैं। पर आप इस खाने से मिली एक्सट्रा कैलोरीज़ को आने वाले दिनों में कैसे नियंत्रित करते हैं ये महत्वपूर्ण है। बिंज ईटिंग के बाद अगले दो तीन दिनों तक हल्का खाना खाएं। पानी अधिक पिएं और खीरे ,छाछ औऱ तरबूज जैसी चीज़ों का सेवन करें जिससे आपके शरीर में अतिरिक्त कैलोरी को संतुलित किया जा सके।ऐसा कर के आप अपने वज़न घटाने के मिशन को दाबारा ट्रैक पर ला सकते हैं।

60 सेकंड की रणनीति वास्तव में क्या है

भारत ने जब 'पूरी तरह टीकाकरण' करने वालों को कोविड-19 टीकों की 'एहतियाती' खुराक देना 60 सेकंड की रणनीति वास्तव में क्या है शुरू किया, तो वो न केवल बूस्टर खुराक देने वाले देशों की लीग में शामिल हो गया, बल्कि साथ ही चिकित्सा और नैतिकता को लेकर जारी चर्चा और कशमकश का भी हिस्सा बन गया।

विशेषज्ञों का भी कहना है कि नए वेरिएंटों के उभरने के साथ बार-बार बूस्टर शॉट्स की संभावना हमारी महामारी नियंत्रण रणनीति का अभिन्न हिस्सा बन सकती है, लेकिन साथ ही यह असमानता की खाई को भी और गहरा कर सकती है।

2020 में विकसित देशों द्वारा बूस्टर शॉट्स शुरू किए जाने के बाद से वैक्सीन असमानता को लेकर दुनिया में चिंताएं बढ़ गई हैं। यह बूस्टर शॉट्स लम्बे समय के लिए प्रतिरक्षा में कितना इजाफा कर सकते हैं इसको लेकर भी अभी संदेह है। हालांकि फिर भी वो आने वाले कल में सामान्य हो सकती हैं।

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