शिक्षा है मौलिक अधिकार बंद, करो इसका व्यापार !
‘उद्योग व्यापार जगत्’ के संगठन (एसोचैम) के एक हालिया अध्ययन के अनुसार बीते दस वर्षों के दौरान निजी स्कूलों ने अपनी फीस में लगभग 150 फीसदी बढ़ोतरी हुई है। एजुकेशन सेक्टर एक व्यापार को रूप में स्थापित हो चुका है, जो सफल भी है, इस सफलता का कारण यह है कि प्राइवेट स्कूल जो लोग चला रहे हैं, उनमें समाज के सबसे प्रभावशाली वर्ग के लोग शामिल हैं।
इधर सरकारी स्कूलों में बच्चों की संख्या लगातार घट रही हैं जबकि प्राइवेट स्कूलों में इसका उल्टा हो रहा है। देश के नियंत्रक-महालेखा परीक्षक (कैग) की ताजा रिपोर्ट के अनुसार सरकारी स्कूलों में वर्ष 2010-11 में कुल नामांकन 1 करोड़ 11लाख था,जो 2014-15 में 92 लाख 51 हजार रह गया है, जबकि दूसरी ओर प्राइवेट स्कूलों में छात्रों की संख्या में 2011-12 से 14-15 में 38 प्रतिशत बढ़ी है।
इसी तरह से निजी स्कूलों में 25 फीसदी सीटों पर कमजोर आय वर्ग के बच्चों के आरक्षण की व्यवस्था की गई है। यह एक तरह से गैर बराबरी और शिक्षा के बाजारीकरण को बढ़ावा देता है और सरकारी शालाओं में पढ़ने वालों का भी पूरा जोर प्राइवेट स्कूलों की ओर हो जाता है, जो परिवार थोड़े-बहुत सक्षम हैं, वे अपने बच्चों को पहले से ही प्राइवेट स्कूलों में भेज रहे हैं, लेकिन जिन परिवारों की आर्थिक स्थिति कमजोर हैं व भी इस ओर प्रेरित किया जा रहे हैं।
स्कूल पर सालाना खर्च 55,000 रुपये से बढ़कर 1,25,000 करते है।
स्कूलों की ज्यादा फीस अभिभावको की मुसीबत बन रही है। स्कूलों द्वारा नर्सरी में प्राइमरी से ज्यादा फीस वसूली जा रही है। बच्चों के बढ़ते क्लास के साथ स्कूल फीस में भी बढ़ोतरी करते है। डोनेशन के नाम पर तो कभी बैग, जूतों, कपड़ों के मनमाने दाम लगा कर स्कूलों बच्चों के अभिभावकों से ज्यादा फीस वसूल रहे है। अधिकतर स्कूल किताबों के लिए दुकान तय करते हैं।
बंद कारोबार खोलने के अचूक उपाय और मंत्र जाने ! band karobar kholne ka wazifa ?
Band bijanes ko kaise chalaye? व्यापार में उतार चढ़ाव आना स्वाभाविक है,ऐसा नहीं है कि किसी का व्यापार हमेशा फायदे में ही चलेगा और किसी का व्यापार हमेशा घाटे में ही चलेगा, क्योंकि यह तो आप जानते ही हैं कि सुख और दुख, फायदा और नुकसान प्रकृति का नियम है ऐसा नहीं है कि कोई व्यक्ति हमेशा सुख में ही रहेगा और उसे दुख नहीं आएगा, उसी तरह ऐसा भी नहीं है कि कोई व्यक्ति हमेशा दुख में रहेगा और उसे कभी सुख की प्राप्ति नहीं होती है|Band huye bijanes ko chalane ke liye kya kare? बंद हुए बिजनेस को कैसे चलाएं ?
कभी-कभी ऐसा होता है कि हम जो भी काम करते हैं उसमें हमें फायदा होता है और अच्छे खासे चलते हुए बिजनेस में कभी-कभी हमें घाटा होने लगता है| ऐसे में हम काफी परेशान हो जाते हैं क्योंकि इंसान की मूलभूत जरूरत होती है रोटी कपड़ा और मकान और जब आदमी के पास पैसे नहीं होते हैं तब उसका दिमाग काम नहीं करता क्योंकि किसी भी आदमी की आर्थिक स्थिति खराब होती है तो उसे बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ता है |
बिजनेस में लगातार घाटा होने के कारण व्यक्ति की आर्थिक स्थिति के साथ-साथ उसकी मानसिक स्थिति भी खराब होती जाती है, जिससे वह काफी परेशान रहने लगता है हालांकि कभी-कभी बिजनेस में घाटा होने के कारण व्यक्ति को समझ नहीं आता क्योंकि जो लोग तंत्र मंत्र में मानते हैं वह यह बात काफी अच्छी तरीके से जानते हैं कि हमारे प्रतिद्वंदी हमसे आगे जाने के लिए किस हद को पार कर सकते हैं |
कभी कभी अच्छे खासे चलते हुए बिजनेस में घाटा होने का कारण काला जादू या फिर ब्लैक मैजिक भी होता है, हो सकता है कि आपका कोई प्रतियोगी आप की बढ़ोतरी ना देख पाता हो और सारे उपाय करने के बाद जब उसके व्यापार बंद करो पास कोई उपाय नहीं बचता तो वह आपके ऊपर काला जादू करवा देता है जिसके कारण आपका धंधा नुकसान में जाने लगता है और आपकी आर्थिक स्थिति खराब होने लगती है |
अगर आपको कभी ऐसा अंदेशा लगता है कि किसी ने आप के धंधे के ऊपर कोई गंदी तांत्रिक विधि करवा दी है या फिर किसी ने आप के धंधे के ऊपर काला जादू करवा दिया है तो आज के हमारे इस आर्टिकल को पूरा अवश्य पढ़ें | क्योंकि आज के इस आर्टिकल में हम आपको बंधे हुए धंधे को वापस कैसे पटरी पर लाए,इसके बारे में जानकारी देने वाले हैं, तो चलिए चलते हैं मुख्य मुद्दे पर |
किराना व्यापारी संघ ने चालानी कार्रवाई के विरोध में व्यापार बंद करने का किया फैसला
प्रशासन द्वारा लाकडाउन के दौरान आवश्यक सेवाओं की सुचारू आपूर्ति हेतु घर पहुंच सेवा की अनुमति दी गई थी। परंतु लाकडाउन के दूसरे चरण के पहले दिन बुधवार को प्रशासन के द्वारा कड़ाई बरतते हुए छह किराना व्यापारियों के ऊपर चालानी करवाई की गई थी।
भानुप्रतापपुर(नईदुनिया न्यूज)। प्रशासन द्वारा लाकडाउन के दौरान आवश्यक सेवाओं की सुचारू आपूर्ति हेतु घर पहुंच सेवा की अनुमति दी गई थी। परंतु लाकडाउन के दूसरे चरण के पहले दिन बुधवार को प्रशासन के द्वारा कड़ाई बरतते हुए छह किराना व्यापारियों के ऊपर चालानी करवाई की गई थी। जिसके बाद नगर के किराना व्यापारी संघ ने इसके विरोध में किराना सामान की सप्लाई एक दिन के लिए बंद कर दी थी, और प्रशासन से इस विषय में उनकी बातचीत हुई। परंतु बातचीत बेनतीजा रही और किराना व्यापारियों ने पूरे लाकडाउन के दौरान व्यापार पूर्णतः बंद रखने का फैसला किया है।
इस बात की सूचना व्यापारियों के द्वारा प्रशासन को दे दी गई है। व्यापारी संघ के अनुसार प्रशासन के द्वारा किराना सामान की घर पहुंच व्यापार बंद करो सप्लाई में जिस तरह से कड़ाई की जा रही है, उसके बाद किराना व्यापारी घर पहुंच सेवा देने में सक्षम नहीं है, व्यापारियों ने बताया कि अधिकारियों का कहना है कि व्यापारी अपनी दुकानें खोलकर सामान पैक नहीं कर सकते हैं। वह अपने गोदाम अथवा घर से सामान पैक करने का कार्य संचालित कर सकते हैं,जबकि यह संभव नहीं है । सभी किराना व्यापारियों का अधिकांश सामान दुकान में ही रहता है, केवल चावल शक्कर जैसे सामान ही गोदाम में रहते हैं, ऐसे में बिना दुकान खोले सामान की सप्लाई कर पाना संभव नहीं है। ऐसे में किराना व्यापारी संघ ने यह निर्णय लिया है, कि लाकडाउन में कोई भी किराना व्यापारी किराना सामान की घर पहुंच सप्लाई नहीं करेगा। यदि प्रशासन के द्वारा उचित रियायत की जाती है, तब किराना व्यापारी संघ इस बात पर गौर करेगा कि सामान की सप्लाई की जाएगी अथवा नहीं। जिस तरह से प्रशासन के द्वारा चालान के नाम पर बड़ी-बड़ी रकमें ली जा रही है, इतनी रकम चुका पाना व्यापारियों के बस की बात नहीं है, किराना व्यापारी संघ के अध्यक्ष नरेश जैन ने बताया कि इस विषय में प्रभारी एसडीएम उत्तम पंचारी से बात हुई है, परंतु प्रशासन के द्वारा जारी शर्तें इतनी कठिन है, कि उनका पालन कर पाना संभव नहीं हो पाएगा। कहीं ना कहीं थोड़ी बहुत गलती होगी ही। ऐसे में प्रशासन आए दिन चालान की कार्यवाही करेगा और जो कि व्यापारियों के लिए घाटे का सौदा है। और कोरोना काल में व्यापारियों को भी इस महामारी का भय बना रहता है। इसके बावजूद हम सेवा देने को तैयार हैं। परंतु इतनी कठिन शर्तों पर यह संभव नहीं हो पाएगा।
वहीं इस विषय में एसडीएम उत्तम पंचारी ने कहा कि व्यापारियों के द्वारा शासन के गाइडलाइन का उल्लंघन करने पर बुधवार को कारवाई की गई थी। जिसके फलस्वरुप व्यापारियों ने व्यापार बंद रखने का फैसला किया है। अभी फिलहाल व्यापारियों से बातचीत जारी है। संभवता बहुत जल्दी इसका हल निकाल लिया जाएगा।
ट्रेडिंग आर्डर टाइप्स
टर्मिनलों आईएफसी बाजार की ट्रेडिंग निम्न आदेश प्रकार निष्पादित हैं: बाजार, लंबित, से लिंक, OCO और आदेश सक्रिय कर। पीछे चल बंद करो मोड सर्वर-आधारित है, यानी चल रही है यहां तक कि जब क्लाइंट का टर्मिनल बंद है
ट्रेडिंग से पहले अपने ज्ञान का परीक्षण करें
मार्किट आर्डर
बाजार आदेश एक ग्राहक के आदेश को खरीदने या बेचने के वर्तमान बाजार मूल्य पर एक वित्तीय साधन है। लेन-देन तुरन्त के माध्यम से प्रदर्शन किया है ट्रेडिंग प्लेटफार्म और मूल्य पर बाजार आदेश विंडो में या डीलर के द्वारा उद्धृत किया गया कीमत में टेलीफोन के जरिए दिखाया गया.
बाजार आदेश विंडो में ग्राहक का अधिकतम अनुमति प्राप्त कीमत विचलन आदेश का निष्पादन अनुरोध की गई कीमत से सेट कर सकते हैं। एक कठोर मूल्य बदलें और नेटवर्क के मामले में देरी की स्थिति उद्घाटन निम्नलिखित तरीके में प्रदर्शन किया है:
- यदि वर्तमान बाजार मूल्य से परे निर्दिष्ट विचलन है, ग्राहक एक नए बाजार मूल्य के साथ उपलब्ध कराया जाएगा। इस मामले में ग्राहक ऑर्डर निष्पादित करने के लिए नए मूल्य स्वीकार करता हो।
- यदि वर्तमान बाजार मूल्य सेट विचलन के भीतर रहता है, तो स्थिति इस बाजार मूल्य पर खोला जाएगा.
पेंडिंग आर्डर
वर्तमान बाजार मूल्य से अलग कीमत पर एक व्यापार की स्थिति को खोलने के लिए एक क्लाइंट का आदेश आदेश लंबित है.
टाइप्स ऑफ़ पेंडिंग ऑर्डर्स:
- सेल्ल लिमिट – वर्तमान बाजार मूल्य से अधिक कीमत पर एक बेचने के आदेश.
- बुय लिमिट – एक खरीद आदेश वर्तमान बाजार मूल्य से कम कीमत पर.
- सेल्ल स्टॉप – वर्तमान बाजार मूल्य से कम कीमत पर बेचने के आदेश.
- बुय स्टॉप – एक खरीद आदेश के वर्तमान बाजार मूल्य से अधिक कीमत पर.
जब एक आदेश में निर्धारित मूल्य बाजार मूल्य पहुँचता है, खरीदने या बेचने के एक सौदा शुरू हो रहा है. ग्राहक द्वारा निर्धारित मूल्य पर या एक बेहतर कीमत पर बेचने की सीमा और सीमा खरीद आदेश क्रियान्वित कर रहे हैं. जब पहली बार बाजार में उपलब्ध मूल्य पर ऑर्डर मार डाला जा सकता मूल्य अंतराल, के मामलों को छोड़कर, ग्राहक द्वारा निर्धारित मूल्य पर बेचने के बंद करो और बंद करो खरीदें आदेश क्रियान्वित कर रहे हैं.
लिंक्ड लिमिट एंड स्टॉप ऑर्डर्स
वहाँ व्यापार बंद करो एक खुले स्थान या एक लंबित आदेश - बंद करो हानि और लाभ ले करने के लिए जुड़ा हुआ आदेश के दो मुख्य प्रकार हैं:
- बस्टॉप लोस्स आर्डर संभावित नुकसान को सीमित करने के लिए डिज़ाइन किया गया है और एक मूल्य पर सेट स्थिति खुलने की कीमत या आदेश का निष्पादन लंबित की कीमत से भी बदतर है.
- टटेक प्रॉफिट लक्षित लाभ के स्तर तक पहुँचने के द्वारा एक स्थिति को बंद करने के लिए डिज़ाइन किया गया है और एक मूल्य पर बेहतर खोलने की स्थिति के मूल्य या की कीमत लंबित क्रम निष्पादन से सेट है।.
जब मूल्य एक लिंक्ड स्टॉप लोस्स और टेक प्रॉफिट आर्डर में सेट स्तर तक पहुँचता है,स्थिति अपने आप बंद हो जाता है.
स्थिति बंद है जब लिंक्ड स्टॉप लोस्स एंड टेक प्रॉफिट ऑर्डर्स स्वचालित रूप से हटा रहे हैं या लंबित आदेश को रद्द कर दिया गया है.
टेक प्रॉफिट आर्डर ग्राहक द्वारा निर्धारित कीमत पर या एक बेहतर कीमत पर निष्पादित किया है.
स्टॉप लोस्स आर्डर एक ग्राहक द्वारा निर्धारित मूल्य पर निष्पादित किया है, मूल्य अंतराल के मामलों को छोड़कर, बाजार में उपलब्ध पहली कीमत पर आर्डर निष्पादित किया जा सकता है.
OCO - एक दूसरे को रद्द (केवल NetTradeX व्यापार मंच में)
OCO आदेश वर्तमान बाजार मूल्य से अलग कीमतों पर एक स्थिति को खोलने के लिए सेट दो लंबित आदेशों का एक संयोजन है. दो आदेशों में से एक का निष्पादन शेष एक के एक स्वत: हटाने के लिए लाता है.
पेंडिंग आर्डर करने के लिए OCO आदेश का निष्पादन नीति लागू किया जाता है..
एक्टिवेटिड आर्डर (NetTradeX और MetaTrader 5 व्यापारिक प्लेटफार्मों पर)
सक्रिय क्रम मूल्य सक्रियण के स्तर तक पहुँच जाता है, जब सेट किया गया है एक लंबित क्रम है । लंबित आदेश निष्पादन नीति सक्रिय आदेश के लिए लागू किया जाता है । MetaTrader 5 प्लेटफ़ॉर्म पर, सक्रिय ऑर्डर्स को स्टॉप लिमिट खरीदें और स्टॉप लिमिट बेचें कहा जाता है.
ट्रेलिंग स्टॉप
ट्रेलिंग स्टॉप मोड निम्नलिखित नियम के अनुसार एक जुड़े हुए स्टॉप लोस्स आर्डर का स्वत: बदलाव के तंत्र को बनाए रखता है यदि एक स्थिति का लाभ उच्च सेट दूरी तय हो जाती है, स्टॉप लोस्स आर्डर ले जाता है के स्तर पर जो वर्तमान बाजार मूल्य और ऑर्डर मूल्य के बीच अंतर करने के लिए इस दूरी के बराबर है.
इस मामले में स्टॉप लोस्स आर्डर शुरू में सेट नहीं किया गया, लेकिन ट्रेलिंग स्टॉप मोड है, लाभ मोड में निर्धारित दूरी के बराबर हो जाता है जब स्टॉप लोस्स आर्डर स्थिति खोलने की कीमत पर स्वचालित रूप से सेट किया गया है.
NetTradeX मंच में ट्रेलिंग स्टॉप एक सर्वर साइड मोड है. जो सक्रिय बना रहता है यहां तक कि जब क्लाइंट का टर्मिनल बंद हो जाता है.
मंदी की मार. Amazon ने भारत में बंद कर दिया ये सब काम. बताया आगे का प्लान!
Amazon India To Shut Distribution Services: अपनी फूड डिलीवरी सेवाओं को बंद करने के ऐलान के समय Amazon India ने कहा था कि छोटे भारतीय शहरों में कंपनी काफी ज्यादा संघर्ष कर रही है. इस वजह से इस तरह के फैसले लेने पड़ रहे हैं.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 28 नवंबर 2022,
- (अपडेटेड 28 नवंबर 2022, 12:54 PM IST)
दुनिया के चौथे सबसे अमीर व्यक्ति जेफ बेजोस (Jeff Bezos) के नेतृत्व वाली अमेजन (Amazon) अब पूरा फोकस अपने कोर बिजनेस पर करने का मन बना रही है. इसके मद्देजनर कंपनी ने बड़े कदम उठाना भी शुरू कर दिया है. इस क्रम में बीते दिनों अमेजन ने भारत में अपनी फूड डिलीवरी सर्विस (Food Delivery) को बंद करने का ऐलान किया और इसके तुरंत बाद एड-टेक वर्टिकल से भी पीछे हटने की घोषणा कर दी. अब कंपनी ने देश में अपनी डिस्ट्रीब्यूशन सेवाओं (Distribution Services) को भी बंद करने जा रही है.
सर्विस बंद करने की ये है वजह!
बिजनेस टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, टेक और ई-कॉमर्स की दिग्गज कंपनी अमेजन फूड डिलीवरी (Amazon Food Delivery) और एड-टेक वर्टिकल Amazon Academy के बाद भारत में अपनी ड्रिस्टीब्यूशन सर्विसेज को बंद कर सकती है. इसमें कहा गया है कि कंपनी अब अपने मुख्य व्यवसाय पर ध्यान केंद्रित करने का प्लान बना रही है और दूसरे सेक्टर्स में कटौती कर रही है. अमेजन डिस्ट्रीब्यूशन मुख्य रूप से बेंगलुरु, हुबली और मैसूर में संचालित है. डिस्ट्रीब्यूशन यूनिट कंपनियों से फास्ट मूविंग कंज्यूमर गुड्स लेती हैं और उन्हें रिटेलर्स को डिस्ट्रीब्यूट करने का काम करती हैं.
मंदी के मद्देजनर उठाए जा रहे कदम
रिपोर्ट में सूत्रों के हवाले से कहा गया है कि Amazon ये कदम आर्थिक मंदी (Recession) के मद्देनजर उठा रही है. कंपनी अब अपने कोर बिजनेस पर ज्यादा फोकस करेगी. गौरतलब है कि अमेजन इंडिया ने बीते शुक्रवार को अपनी वार्षिक परिचालन योजना समीक्षा प्रक्रिया के हिस्से के रूप में अपनी अमेजन फूड डिलीवरी सर्विस को बंद करने का फैसला किया था. इसके अलावा कंपनी ने अमेजन अकादमी को बंद करने का ऐलान किया, जिसे COVID-19 लॉकडाउन के दौरान BYJU's, Unacademy, वेदांतु और अन्य एड-टेक कंपनियों में उछाल को देखते हुए लॉन्च किया गया था.
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