Mutual Fund और Share Market में क्या अंतर है?
जब भी निवेश करने की सोचते है तो उसमे दो आप्शन म्यूचुअल फंड और शेयर मार्केट आता है.
इसमें से हमें सही पता नहीं चल पाता है की अपना पैसे का निवेश म्यूच्यूअल फण्ड में करे या शेयर मार्केट में.
म्यूच्यूअल फण्ड में ज्यादा return है या शेयर मार्केट में. यानि किसमे अच्छा income किया जा सकता है.
हमारे लिए इन दोनों में से कौन बेहतर होगा.
इस तरह की सभी doubt क्लियर करने के लिए आप इसमें दिए गए जानकरी को पूरा जरुर पढ़े.
इसमें आप जानेंगे की Shares Market क्या है? म्यूचुअल फंड क्या हैं? Mutual Fund और Share Market के बीच क्या अंतर है?
Shares Market क्या है?
शेयर की खरीद/बिक्री को शेयर बाजार के नाम से जानते है.
किसी कंपनी के एक हिस्से को शेयर कहते है. इसमें प्रत्येक शेयर का मूल्य एक हिस्से का प्रतिनिधित्व करते हैं.
जब कोई म्यूच्यूअल फंड्स बनाम शेयर्स कंपनी शेयर बाजारों में कारोबार करना चाहती है, या अपने business को बड़ा करने के लिए धन की जरुरत होती है.
धन जुटाने के लिए शेयर मार्केट के स्टॉक एक्सचेंज में listed होती है फिर वह एक Initial Public Offering (IPO) प्रदान करती है.
खुदरा निवेशकों को अपने शेयरों में निवेश करने के लिए कहती है.
आप किसी कंपनी के जितने शेयर खरीदते है उस कंपनी के उतने हिस्से के मालिक होते हैं.
किसी ब्रोकर के माध्यम से शेयर मार्केट में ट्रेडिंग की जाती है.
म्यूचुअल फंड क्या हैं?
पेशेवर फंड मैनेजरों द्वारा मैनेज किया जाने वाला यह एक ऐसा फण्ड होता है जिसका पैसा सरकारी बॉन्ड, सिक्योरिटीज, शेयर, मनी मार्केट इंस्ट्रूमेंट्स आदि में निवेश किया जाता है.
फण्ड मेनेजर "Asset Management Company (AMC)" या "फण्ड house" का हिस्सा होता है.
इसमें एजेंट के माध्यम से आप किसी भी फण्ड में निवेश कर सकते है. या आप डायरेक्ट कोई भी फण्ड खरीद सकते है.
खुद से किसी फण्ड में निवेश करने के लिए म्यूच्यूअल फण्ड के बारे में जानकरी जरुरी है.
Mutual Fund और Share Market के बीच क्या अंतर है?
Difference between stock market and mutual funds
अब म्यूच्यूअल फण्ड और शेयर बाजार में अंतर को जानेंगे जो निम्न है.
शेयर बाजार में म्यूच्यूअल फण्ड के अपेक्षा बहुत ज्यादा रिस्क है.
अगर अच्छे से शेयर मार्केट में ट्रेडिंग नहीं किया जाये तो काफी नुकसान होते है. जबकि म्यूच्यूअल फण्ड में professional फण्ड manager द्वारा manage करने के कारन इसमें नुकसान की सम्भावना काफी कम होता है.
म्यूच्यूअल फण्ड में जिस तरह से आपके निवेश को मेनेजर द्वारा manage किया जाता है उसी तरह शेयर मार्केट में भी आप किसी professional के द्वारा manage करवा सकते है. इसके लिए कुछ कमीशन देने होते है.
जिस तरह से म्यूच्यूअल फण्ड में कई प्रकार के charges देने होते है उसी तरह शेयर मार्केट में भी कई प्रकार की charges देने होते है. जो हमारे निवेश की रकम में से automatic कट जाता है.
बिलकुल कम रिस्क के साथ medium या अच्छा income चाहते है तो म्यूच्यूअल फण्ड बेहतर है. जबकि शेयर मार्केट में ऐसा income के साथ-साथ loss में भी जाने की सम्भावना ज्यादा बनी रहती है.
दोनों में आप ऑनलाइन अपने मोबाइल या कंप्यूटर की मदद से निवेश कर सकते है. इसके लिए आपको एक application इनस्टॉल करने की जरूरत होगी.
म्यूच्यूअल फण्ड में आप Systematic Investment Plan (SIP) से fixed monthly निवेश कर सकते. जबकि शेयर मार्केट में ऐसा नहीं है.
शेयर मार्केट में जल्द return प्राप्त कर सकते है जबकि म्यूच्यूअल फण्ड में केवल लंबी अवधि में अच्छे रिटर्न प्रदान कर सकते हैं.
म्यूचुअल फंड में कोई भी निवेश कर सकता है जबकि शेयर मार्केट के लिए थोड़ी जानकरी जरुरी है.
शेयर मार्केट में कम-से-कम समय में भी अच्छा income करने के chances रहते है जबकि म्यूच्यूअल फण्ड में ऐसा नहीं है.
तो अब आप समझ गए होंगे की stocks vs mutual funds में कौन अच्छा है.
इसमें आपने जाना की Shares Market क्या है? म्यूचुअल फंड क्या हैं? Mutual Fund और Share Market के बीच क्या अंतर है?
अगर आपको share market vs mutual fund के बारे में यह जानकारी अच्छा लगा म्यूच्यूअल फंड्स बनाम शेयर्स हो तो कृपया इसे जरुर शेयर करे.
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म्यूचुअल फंड स्कीम और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस में जानिए ये 5 अंतर
कई लोग म्यूचुअल फंड स्कीम और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस (पीएमएस) को एक ही समझते हैं. हालांकि, सच यह है कि इन दोनों में अंतर है. पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस (पीएमएस) की पेशकश प्रोफेशनल मनी मैनेजर करते हैं. यह सर्विस काफी जानकार और पैसे वाले निवेशकों को दी जाती है. निवेशकों के किसी खास लक्ष्य के लिए इसे डिजाइन किया जाता है. यहां हम म्यूचुअल फंड स्कीम और पोर्टफोलियो मैनेजमेंट सर्विस के बीच कुछ बुनियादी अंतरों के बारे में बता रहे हैं.
गिर रहा है शेयर बाजार, फिर भी 13 करोड़ से ज्यादा लोगों को Mutual Funds पर विश्वास
विशेषज्ञों का कहना है कि म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) में निवेश लगातार बढ़ रहा है और डिजटलीकरण ने फोलियो (folio) की संख्या में इजाफा किया है. हालांकि, जून तिमाही में मार्च तिमाही की तुलना में कम फोलियो जुड़े हैं, लेकिन आने वाले समय में इसमें और इजाफा होने का अनुमान है.
aajtak.in
- नई दिल्ली,
- 11 जुलाई 2022, म्यूच्यूअल फंड्स बनाम शेयर्स
- (अपडेटेड 11 जुलाई 2022, 9:09 AM IST)
- जून 2022 में 13.46 करोड़ हो गई खातों की संख्या
- जून 2021 में निवेशकों की संख्या 10.25 करोड़ थी
शेयर बाजार में उथल-पुथल के बावजूद म्यूचुअल फंड (Mutual Funds) पर निवेशकों को भरोसा बढ़ा है. इसका अंदाजा इस बात से म्यूच्यूअल फंड्स बनाम शेयर्स लगाया जा सकता है कि एसेट मैनेजमेंट कंपनियों ने जून तिमाही में 51 लाख निवेशक खाते (Investor Accounts) जोड़े हैं. इस बढ़ोतरी के चलते Mutual Funds Investors की कुल संख्या 13 करोड़ के पार पहुंच गई है.
फोलियो की संख्या में 31% इजाफा
बिजनेस स्टैंडर्ड की रिपोर्ट के मुताबिक, म्यूचुअल फंड (Mutual म्यूच्यूअल फंड्स बनाम शेयर्स Funds) के बारे में जागरुकता बढ़ने और डिजिटलीकरण से लेन-देन में आसानी के कारण निवेशकों की संख्या में बढ़ोतरी देखने को मिल रही है. विशेषज्ञों को उम्मीद है कि चालू वित्तीय वर्ष भी इसमें इजाफा देखने को मिलेगा. जून 2022 में म्यूचुअल फंड फोलियो (folio) की संख्या 13.46 करोड़ हो गई, जो कि इससे पिछले मार्च महीने में 12.95 करोड़ थी. सालाना आधार पर देखें तो म्यूचुअल फंड फोलियो (Mutual Funds folio) की संख्या में 31 फीसदी का इजाफा हुआ है, जून 2021 में निवेशकों की संख्या 10.25 करोड़ थी.
12 महीने में इतने नए खाते जुड़े
एसोसिएशन ऑफ म्यूचुअल फंड्स इन इंडिया (Amfi) के आंकड़ों पर नजर डालें तो मार्च तिमाही में 93 लाख खाते अथवा फोलियो खोले गए. हालांकि इस साल अप्रैल-जून में मार्च तिमाही की तुलना में यह संख्या भले ही कम रही, फिर भी यह आंकड़ा इस बात का संकेत है कि निवेशकों ने शेयर बाजार (Stock Market) में उतार-चढ़ाव के बावजूद निवेश करना जारी रखा. वहीं पिछले 12 महीनों के आंकड़ों के मुताबिक, 3.2 करोड़ नए निवेशक खाते जोड़े गए म्यूच्यूअल फंड्स बनाम शेयर्स हैं.
म्यूचुअल फंड बनाम फिक्स्ड डिपॉजिट
यदि आप एक ऐसे इन्वेस्टर हैं, जो फाइनेंशियल मार्केट के बारे में अधिक जानना चाहते हैं, तो आपके लिए कई इन्वेस्टमेंट विकल्प उपलब्ध हैं. हालांकि, जिन दो विकल्प को लेकर लोग अधिकतम भ्रमित रहते हैं, वे हैं म्यूचुअल फंड बनाम एफडी. म्यूचुअल फंड एक स्टैंडर्ड इन्वेस्टमेंट विकल्प है, लेकिन जब आप इसकी तुलना फिक्स्ड डिपॉजिट से करते हैं, तो आपको आश्चर्य होगा कि फिक्स्ड डिपॉजिट कितने सामान्य हैं. दोनों इन्वेस्टमेंट अलग-अलग तरीके के इन्वेस्टमेंट हैं. इन्वेस्टमेंट करने से पहले, किसी भी व्यक्ति को यह समझना चाहिए कि इन्वेस्टमेंट क्या होता है और इसके क्या लाभ और नुकसान हो सकते हैं.
लोकप्रिय इन्वेस्टमेंट साधनों के रूप में, फिक्स्ड डिपॉजिट और म्यूचुअल फंड ने इन्वेस्टर्स को अपनी सेविंग को तेजी से बढ़ाने में सक्षम बनाया है. हालांकि, इन दोनों तरीकों से प्रदान किए जाने वाले लाभ आपकी इन्वेस्टमेंट आवश्यकताओं के अनुसार अलग-अलग होते हैं. इसलिए, दोनों में से किसी एक को चुनने से पहले इन्वेस्टमेंट के दोनों तरीकों के बारे में विस्तार से जानना बेहतर है.
फिक्स्ड डिपॉजिट क्या है
सबसे सुरक्षित इन्वेस्टमेंट विकल्पों में से एक के रूप में, फिक्स्ड डिपॉजिट आपको अपने डिपॉजिट पर सुनिश्चित रिटर्न प्राप्त करने में मदद कर सकती है. आप लंपसम राशि डिपॉजिट कर सकते हैं जिस पर पूर्वनिर्धारित अवधि के लिए एक निश्चित ब्याज़ प्राप्त होता है. फिक्स्ड डिपॉजिट में, इन्वेस्टर के समूह द्वारा पैसे का पूलिंग नहीं होती है, और इन्वेस्ट करने से पहले ब्याज़ का निर्णय लिया जाता है, इसलिए रिटर्न बाहरी मार्केट के प्रभावों से अप्रभावित रहता है.
म्यूचुअल फंड क्या होते हैं
म्यूचुअल फंड एक फाइनेंशियल साधन है, जो स्टॉक, बांड, इक्विटीज़ और अन्य मार्केट लिंक्ड इंस्ट्रूमेंट या सिक्योरिटीज़ के पोर्टफोलियो से बनाया जाता है. कई इन्वेस्टर मिलकर म्यूचुअल फंड में इन्वेस्टमेंट करने के लिए आते हैं और अपनी सेविंग बढ़ाने के एक सामान्य लक्ष्य के साथ आते हैं. इन इन्वेस्टमेंट के माध्यम से म्यूच्यूअल फंड्स बनाम शेयर्स अर्जित कुल आय खर्च काटने के बाद इन्वेस्टर के बीच बराबर बराबर बांट दी जाती है.
फिक्स्ड डिपॉजिट और म्यूचुअल फंड में इन्वेस्टमेंट के लाभ
- आपने कौन से प्रकार का फंड चुना है इस आधार पर म्यूचल फंड में लॉक इन पीरियड हो सकता है, या फिर आप जब चाहें इन से निकल सकते हैं. इसी प्रकार, आप अपने पैसे को फिक्स्ड डिपॉजिट के लिए 1–5 वर्षों तक फंड के साथ रख सकते हैं.
- चाहे आप म्यूचुअल फंड का विकल्प चुनें या फिक्स्ड डिपॉजिट का, लंबी अवधि के लिए इन्वेस्टमेंट करना हमेशा फायदेमंद रहता है. आप कम अवधि (यानी एक वर्ष से कम समय) चुनने पर उच्च रिटर्न प्राप्त नहीं कर सकते.
- म्यूचुअल फंड के मामले में, वर्ष समाप्त होने से पहले आपके द्वारा किए गए लाभ पर शॉर्ट-टर्म कैपिटल गेन टैक्स का टैक्स लगाया जाता है. फिक्स्ड डिपॉजिट के मामले में, फाइनेंशियल वर्ष 2020-21 के लिए फिक्स्ड डिपॉजिट से अर्जित ब्याज़ म्यूच्यूअल फंड्स बनाम शेयर्स पर टीडीएस. फाइनेंशियल वर्ष के दौरान रु. 5,000. इसे 14 मई, 2020 से लागू किया गया है.
फिक्स्ड डिपॉजिट और म्यूचुअल फंड के बीच का अंतर
जब आप एफडी खोलने के लिए पब्लिक सेक्टर, प्राइवेट बैंक या नॉन-बैंकिंग फाइनेंस कंपनी (एनबीएफसी) के पास जाते हैं, तो आपको पहले से मेच्योरिटी पर मिलने वाली ब्याज़ दर के बारे में सूचित किया जाता है. इस लिखित ब्याज़ दर की गारंटी होती है और इसे बदला नहीं जा सकता.
हालांकि आपको म्यूचुअल फंड से फिक्स्ड डिपॉजिट की तुलना में ज़्यादा इंटरेस्ट मिल सकता है लेकिन कोई आश्वासन नहीं है कि यह स्थिर रहेगा. फिक्स्ड डिपॉजिट से अलग म्यूचुअल फंड के फायदे एक जैसे नहीं रहते. ऐसा इसलिए है क्योंकि इक्विटी म्यूचुअल फंड शेयर मार्केटमें अस्थिरता के अधीन हैं. इसलिए, हर म्यूचुअल फंड फाइन प्रिंट के साथ आता है, जो यह बताता है कि म्यूचुअल फंड में इंवेस्टमेंट बाजार और अन्य जोखिमों के अधीन है.
आप म्यूचुअल फंड में इन्वेस्ट करना चाहते हैं या फिक्स्ड डिपॉजिट में, ये पसंद केवल आपकी जोखिम लेने की क्षमता पर निर्भर करती है.
म्यूचुअल फंड है मोटा फंड बनाने का बेहतर विकल्प, जानें कैसे करें निवेश की शुरूआत, कितना मिलेगा रिटर्न?
म्यूचुअल फंड को एएमसी यानी एसेट मैनेजमेंट कंपनियां ऑपरेट और मैनेज करती है.
हाइलाइट्स
MF कई निवेशकों से छोटी-छोटी रकम इकट्ठा कर एक साथ किसी कंपनी में निवेश करता है.
म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए आपके पास ज्यादा पैसे होना बिलकुल जरूरी नहीं है.
म्यूचुअल फंड में निवेश की शुरूआत आप 500 या 1000 रुपये की SIP से भी कर सकते हैं.
नई दिल्ली. मौजूदा समय में हमारे पास निवेश के लिए कई तरह के विकल्प उपलब्ध है. लेकिन जानकारी के अभाव में ज्यादातर लोग कहीं भी निवेश करने का फैसला नहीं कर पाते हैं. निवेश के लिए इच्छुक लोग भी मेहनत के पैसे डूबने के डर की वजह से ऐसा करने से बचते हैं. म्यूचुअल फंड एक ऐसा ही विकल्प है जिसके बारे में हम इस आर्टिकल में बात करेंगे. यहाँ हम म्यूचुअल फंड से जुड़ी सारी जानकारी लेकर आए हैं.
म्यूचुअल फंड में निवेश करना बहुत आसान है. ऐसे कई प्लेटफार्म लॉन्च हो चुके हैं जिनके जरिए आप एक ही जगह से कई म्यूचुअल फंड की स्कीम ले सकते हैं. इसके अलावा आप अपनी म्यूचुअल फंड स्कीम की ग्रोथ, उससे मिलने वाले रिटर्न की तुलना एवं ट्रैकिंग भी इन्हीं प्लेटफॉर्म की मदद से कर सकते हैं.
म्यूचुअल फंड क्या है?
म्यूचुअल फंड एक ऐसा फंड है जिसमें पहले कई निवेशकों का पैसा एक जगह जमा किया जाता है. फिर उस फंड के पैसों को बॉन्ड, शेयर मार्केट सहित कई जगहों पर निवेश किया जाता है. म्यूचुअल फंड को एएमसी यानी एसेट मैनेजमेंट कंपनियां ऑपरेट और मैनेज करती है. आमतौर पर सभी एएमसी में कई तरह की म्यूचुअल फंड स्कीम होती हैं.
दूसरे शब्दों में कहें तो म्यूचुअल फंड बहुत सारे लोगों के पैसों से बना हुआ एक फंड होता है. इसमें एक फंड मैनेजर होता है जो इसे सुरक्षित तरीके से अलग-अलग जगह पर थोड़ा-थोड़ा करके निवेश करता है. एक साथ कई जगह निवेश होने के कारण इसमें घाटे की संभावना तुलनात्मक रूप से कम रहती है.
एएमसी क्या है और ये क्या करती है?
एएमसी ऐसी कंपनियां होती हैं जो अलग-अलग निवेशकों से लेकर जमा किए गए फंड को इक्विटी, बॉन्ड, गोल्ड आदि जगहों पर निवेश करती हैं और उससे मिलने वाले रिटर्न को निवेशकों में फंड यूनिट्स के हिसाब से बांटती हैं. एक तरह से इनका बेसिक काम मैनेजमेंट का होता है. एक अच्छा फंड मैनेजर वह होता है जो फंड को सही जगह पर और सही तरीके से निवेश करता है और निवेशकों को ज्यादा से ज्यादा रिटर्न दिलाता है.
म्यूचुअल फंड कैसे काम करता है?
म्यूचुअल फंड की सबसे खास बात यह है कि इसमें निवेश करने के लिए आपके पास ज्यादा पैसे होना जरूरी नहीं है. इसमें आप सिर्फ 500 रुपये से भी निवेश की शुरुआत कर सकते हैं. अगर म्यूच्यूअल फंड्स बनाम शेयर्स आप किसी बड़ी कंपनी के स्टॉक में निवेश करना चाहते हैं लेकिन आपका बजट उसके एक शेयर की कीमत से भी कम है. ऐसी स्थिति में आप म्यूचुअल फंड के जरिए उस कंपनी में सिर्फ 500 रुपये में निवेश की शुरूआत कर सकते हैं. म्यूचुअल फंड बहुत सारे निवेशकों से म्यूच्यूअल फंड्स बनाम शेयर्स छोटी-छोटी रकम इकट्ठा कर उसे एक साथ किसी कंपनी में निवेश करती है.
म्यूचुअल फंड में निवेश क्यों करें?
म्यूचुअल फंड में निवेश करने के कई फायदे हैं. इसमें निवेश करने पर आपको किसी कंपनी की ग्रोथ या परफॉर्मेंस को देखते रहने की जरूरत नहीं पड़ती. यह काम आपके बदले फंड मैनेजर करता है. इसमें एएमसी निवेशकों के पैसे को अलग-अलग सेक्टर और एसेट में थोड़ा-थोड़ा करके निवेश करती है. जिससे अगर किसी एक सेक्टर मंदी आ जाती है तो इससे पूरे पोर्टफोलियो पर ज्यादा फर्क नहीं पड़ता.
जितनी चाहें उतनी रकम से करें निवेश की शुरूआत
म्यूचुअल फंड में निवेश की शुरूआत आप 500 या 1000 रुपये की SIP से कर सकते हैं. आप जितने समय अंतराल पर इसमें निवेश करना चाहते हैं यह भी खुद ही तय कर सकते हैं. इसमें आपको साप्ताहिक, मासिक, तिमाही या सालाना आधार पर SIP के ऑप्शन मिलते हैं. म्यूचुअल फंड से आप न केवल शेयर मार्केट बल्कि गोल्ड में भी निवेश कर सकते हैं.
म्यूचुअल फंड में निवेश करने के लिए आप मोबाइल ऐप, सीधे ऐसेट मैनेजमेंट कंपनी की वेबसाइट पर जाकर या किसी एजेंट की मदद से आसानी से कर सकते हैं. इस तरह से छोटी-सी रकम से शुरूआत करके भी आप कुछ समय के बाद अच्छा रिटर्न ले सकते हैं.
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